Monday, July 30, 2018

Ford Mustang History in Hindi

फोर्ड मस्टैंग (Ford Mustang) फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor Company) द्वारा निर्मित एक ऑटोमोबाइल कार है। शुरू में यह उत्तर अमेरिकी फोर्ड फाल्कन (Ford Falcon) की दूसरी पीढ़ी पर आधारित एक कॉम्पैक्ट कार थी। 17 अप्रैल 1964के आरम्भ में प्रस्तावित 1965 का मस्टैंग (Mustang), मॉडल ए (Model A) के बाद से ऑटोमेकर (मोटर-कार-निर्माता) का सबसे सफल शुभारम्भ है।
Image result for ford mustangमस्टैंग (Mustang) की वजह से ही अमेरिकी ऑटोमोबाइल के "टट्टू कार (पोनी कार)" श्रेणी का निर्माण हुआ जो स्पोर्ट्स कार जैसे कूपे (बग्घियां) थे जिनका हूड (कार की छतरी) लम्बा और पिछला डेक (कार की छत)छोटा होता था और इसी मस्टैंग की वजह से जीएम (GM) की शेवरले कैमेरो (Chevrolet Camaro), एएमसी (AMC) की जैवलिन (Javelin),और क्रिसलर (Chrysler) की पुनर्निर्मित प्लाईमाउथ बैराकुडा (Plymouth Barracuda) जैसी इसकी प्रतिद्वंद्वी कारों का उत्थान हुआ। इसने अमेरिका निर्यात की जाने वाली टोयोटा सेलिका (Toyota Celica) और फोर्ड कैप्री (Ford Capri) जैसी बग्घियों को भी प्रेरित किया।
 
पृष्ठभूमि
1965 के मस्टैंग का उत्पादन 9 मार्च 1964 को मिशिगन के डियरबोर्न में शुरू हुआ और 17 अप्रैल 1964 को न्यूयॉर्क वर्ल्ड्स फेयर में इस कार को सार्वजनिक तौर पर प्रस्तुत किया गया। यह एफ-सीरीज़ (F-Series) पिकअप ट्रक लाइन (जिसके नेमप्लेट (नाम-पट्ट) में इन वर्षों में कई प्रमुख बदलाव किए गए हैं) और फाल्कन (Falcon) (जो अभी भी ऑस्ट्रेलिया में निर्माणाधीन है) के बाद फोर्ड का तीसरा सबसे पुराना नेमप्लेट (नामपट्ट/नामतख्ती) है जो वर्तमान में निर्माणाधीन है।
कई लोगों का विश्वास है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के पी-51 मस्टैंग (P-51 Mustang) लड़ाकू विमान के एक प्रशंसक रह चुके कार्यकारी स्टाइलिस्ट प्रेस हैरिस ने इसकी काया का डिज़ाइन तैयार किया था और इसका नामकरण किया था। इसका एक वैकल्पिक दृष्टिकोण भी था कि मस्टैंग नाम का सुझाव सबसे पहले फोर्ड डिवीज़न के विपणन अनुसंधान प्रबंधक, रॉबर्ट जे. एगर्ट ने दिया था। एगर्ट, जो कि क्वार्टरहॉर्स के एक ब्रीडर थे, को उनकी पत्नी ने उनके जन्मदिवस के अवसर पर 1960 में जे. फ्रैंक डोबी की द मस्टैंग्स (The Mustangs) नामक पुस्तक भेंट की. बाद में, उस पुस्तक के शीर्षक ने उन्हें फोर्ड (Ford) की नवीन कल्पित कार के लिए "मस्टैंग" नाम जोड़ने का विचार प्रदान किया। डिज़ाइनर की पहली पसंद कौगर (Cougar) या टोरिनो (Torino) थी (और वास्तव में टोरिनो नाम का इस्तेमाल कर एक विज्ञापन अभियान की तैयारी की गई थी), जबकि हेनरी फोर्ड द्वितीय इसका टी-बर्ड द्वितीय (T-bird II) नाम रखना चाहते थे। फोर्ड के संभावित नामों के अनुसंधान के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में एगर्ट ने केंद्र समूहों द्वारा जांची जाने वाली सूची में "मस्टैंग" नाम जोड़ दिया; काफी हद तक "विशेष कार के उपयुक्त नाम" शीर्षक के अंतर्गत शीर्ष पर "मस्टैंग" नाम था।] हालांकि इस नाम को जर्मनी में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि इस पर क्रुप (Krupp) का स्वामित्व था जिन्होंने मस्टैंग नाम से 1951 और 1964 के बीच ट्रकों का निर्माण किया था और फोर्ड (Ford) ने क्रुप (Krupp) से लगभग 10,000.00 अमेरिकी डॉलर में इस नाम को खरीदने से इनकार कर दिया और बाद में इस नाम का इस्तेमाल क्रीड्लर (Kreidler) ने किया जो एक जर्मन मोपेड निर्माता था, अतः दिसंबर 1978 तक मस्टैंग को टी-5 (T-5) कहा जाता था।
प्रत्येक मॉडल के साथ मस्टैंग का आकार और वजन बढ़ता चला गया, 1971–1973 मॉडल के प्रतिक्रियास्वरूप मूल 1964 डिज़ाइन के प्रशंसकों ने मस्टैंग को इसके आकार और संकल्पना पर लौटने की अपील करते हुए फोर्ड को अपने विचार लिख भेजे. तब से इसकी कई मंच पीढ़ियां और डिज़ाइन देखे जा चुके हैं। हालांकि कुछ अन्य टट्टू कारों में भी पुनरुद्धार देखा गया है, लेकिन मस्टैंग ही एकमात्र ऐसा वास्तविक टट्टू कार है जिसके विकास एवं संशोधन में चार वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद अबाधित रूप से इसका उत्पादन कार्य चल रहा है।
पहली पीढ़ी (1964–1973)

हालांकि ली इयाकोका फोर्ड डिवीज़न के महाप्रबंधक के रूप में खुद इस मस्टैंग परियोजना के चैम्पियन थे, लेकिन उनके सहायक महाप्रबंधक और मुख्य अभियंता, डोनाल्ड एन. फ्रे इस मस्टैंग परियोजना के प्रमुख अभियंता थे जिन्होंने 18 महीनों की एक रिकॉर्ड अवधि में मस्टैंग (Mustang) के समग्र विकास की निगरानी की थी। मस्टैंग का मूलरूप दो सीटों वाला बीच से उभरा हुआ इंजन युक्त एक रोडस्टर (कार) थी। इस वाहन में टॉनस (Taunus) (फोर्ड जर्मनी (Ford Germany)) का एक V4 इंजन लगा हुआ था और यह देखने में बहुत कुछ इसके बहुत बाद निर्मित पोंटियाक फिएरो (Pontiac Fiero) की तरह था।
ऐसा दावे के साथ कहा गया था कि कुछ हद तक 1995 के दो सीटों वाले थंडरबर्ड (Thunderbird) की बहुत कम बिक्री को देखते हुए इसके दो सीटों वाली डिज़ाइन का परित्याग करने का निर्णय लिया गया था। बाज़ार की जरूरतों के मद्देनज़र बाद में चार सीटों वाली कार के रूप में इसका फिर से एक नया मॉडल तैयार किया गया (जिसमें वास्तविक योजना के अनुसार आगे की बकेट सीटों के लिए पूरी जगह थी और पहले की अपेक्षा इसके पीछे की बेंच सीट में काफी कम जगह थी). "फास्टबैक 2+2" (Fastback 2+2) नामक एक नए मॉडल में पारंपरिक मुख्य स्थान की जगह आतंरिक स्थान में वृद्धि की गई और साथ ही साथ इसकी बाहरी आकृति को बहुत कुछ कोर्वेट स्टिंग रे (Corvette Sting Ray) की दूसरी श्रृंखला और जगुआर ई-टाइप (Jaguar E-Type) जैसी यूरोपीय स्पोर्ट्स कारों की तरह बनाया गया।
इस नए डिज़ाइन को रूप देने का काम फोर्ड के लिंकन, मर्करी डिवीज़न डिज़ाइन स्टूडियोज़ में परियोजना डिज़ाइन प्रमुख जो ओरॉस और एल. डेविड ऐश, गेल हेल्डरमैन, एवं जॉन फ़ॉस्टर[18][19] की उनकी टीम के निर्देशन के अंतर्गत किया गया जिससे इयाकोका द्वारा शुरू की गई एक आतंरिक डिज़ाइन प्रतियोगिता में जीत हासिल करने वाली डिज़ाइन का निर्माण हुआ।
अगले दिन 2,600 अख़बारों में इसके समर्थन में प्रचार करने वाले लेख दिखाई देने लगे, "आधिकारिक" तौर पर इसी दिन इस कार का पता चला था।[ मस्टैंग को सितम्बर 1964 में जेम्स बॉण्ड की फिल्म गोल्डफिंगर (Goldfinger) में भी देखा गया, पहली बार इस कार को एक फिल्म में इस्तेमाल किया गया था।
इसके विकास की लागत में कटौती करने और 2,368 अमेरिकी डॉलर की एक प्रस्तावित खुदरा कीमत का लक्ष्य हासिल करने के लिए मस्टैंग में परिचित और सामान्य पुर्जों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया गया था जिनमें से अधिकांश पुर्जों का निर्माण पहले से ही अन्य फोर्ड (Ford) मॉडलों के लिए किया जा रहा था। इसके आंतरिक, चेसिस (न्याधार), सस्पेंशन और ड्राइवट्रेन के पुर्ज़ों में से (यदि अधिकांश नहीं तो) अनेक पुर्जे फोर्ड फाल्कन (Ford Falcon) और फोर्ड फेयरलेन (Ford Fairlane) (उत्तर अमेरिकी) के पुर्जे थे। इन आम पुर्जों के इस्तेमाल से इन पुर्जों को एकसाथ फिट करने वाले और मरम्मत करने वाले मजदूरों को भी इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने या सीखने में बहुत कम समय लगा और दूसरी तरफ नई कारों के समर्थन में स्पेयर पार्ट्स की सूची पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च किए बिना ही मस्टैंग को कम दामों में खरीदने में सुविधा हुई.
इसके पहले वर्ष में इसकी 100,000 से भी कम इकाइयों की बिक्री का मूल अनुमान था। लेकिन यह सीमा तीन महीने में पार हो गई। इसके मॉडल वर्ष के दौरान इसकी अतिरिक्त 318,000 इकाइयों की बिक्री हुई जो एक रिकॉर्ड थीऔर इसके पहले अठारह महीनों में एक मिलियन से भी ज्यादा मस्टैंग का निर्माण किया गया। इनमें से सभी की विन (VIN)-पहचान 1965 के मॉडल के रूप में की गई थी, लेकिन नवीन मॉडल वर्ष (अगस्त 1964 में आरम्भ) के पारंपरिक उदघाटन में कई परिवर्तन किए गए, इन परिवर्तनों के तहत कुछ मॉडलों में बैक-अप लाइट लगाए गए, जनरेटर की जगह अल्टरनेटर का इस्तेमाल किया गया और 260 घन इंच (4.3 ली) से 289 घन इंच (4.7 ली) तक के विस्थापन से वी8 (V8) इंजन का एक उन्नत रूप शामिल किया गया। 101 अश्वशक्ति (75 कि॰वाट) 170 घन इंच (2.8 ली) फाल्कन इंजन से सुसज्जित कम से कम लगबग छः बेलनाकार मस्टैंग के उत्पादन की होड़ में कुछ असामान्य विचित्रता भी शामिल थी, जैसे - 'फोर्ड मस्टैंग' से अलंकृत एक ट्रिम रिंग के नीचे 'फोर्ड फाल्कन' लोगो धारण करने वाला एक हॉर्न रिंग. इन विशेषताओं ने "1964½" मॉडल-वर्ष मस्टैंग के रूप में 121,538 आरंभिक मॉडल के वारंट नाम में काफी अंतर स्थापित किया, यह एक ऐसा अंतर था जिसे इसके शुद्ध मॉडल को भी सहन करना पड़ा है।
"1965" मॉडल में डाली गई सभी सुविधाएं "1964½" मॉडल के विकल्पों या विकासात्मक रूपांतरण के रूप में उपलब्ध थीं, जिसकी वजह से कुछ मामलों में "मिश्रण-एवं-मिलान" का भ्रम पैदा हो गया जब हैरान फोर्ड कार्यकारी हड़बड़ी में मूल रूप से 1965 वर्ष के लिए अन्य कार मॉडल को पीछे छोड़कर इसके उत्पादन में लग गए। बड़े इंजन के द्योतक क्रोम फेंडर बैज रहित 289 इंजन युक्त एक से अधिक कुछ कार संयंत्र से निकल पड़े जो बैक-अप लाइट की वजह से अचानक रुक गए लेकिन इन्हें संचालित करने के लिए किसी लाइट या तार के उपयोग की आवश्यकता नहीं थी। आज जबकि ये अतिरिक्त मूल्य वाले संग्राहकों की वस्तु हो गए, इनमें से सर्वाधिक विचित्र वस्तुओं को डीलर के स्तर पर, कभी-कभी केवल खरीदारों की नज़र उन पर पड़ने के बाद, सुधारा गया।
दूसरी पीढ़ी (1974-1978)

1970 के दशक में अधिक कड़े प्रदूषण कानूनों और 1973 ओपेक (OPEC) तेल प्रतिबन्ध का जन्म हुआ। नतीजतन, बड़ी और ईंधन-अक्षम कारों की पसंद में गिरावट आई और पोनी कारें भी इसका अपवाद नहीं थीं। सन् 1964 में फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor Company) के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले और मस्टैंग के उत्पादन के लिए जद्दोजहद करने वाले ली इयाकोका ने 1974 के लिए इससे छोटे और अधिक ईंधन-सक्षम मस्टैंग के निर्माण का आदेश दिया. शुरू में इसे फोर्ड मैवरिक (Ford Maverick) के आधार पर निर्मित करने की योजना थी, लेकिन अंत में इसे फोर्ड पिंटो (Ford Pinto) के एक सबकॉम्पैक्ट के आधार पर निर्मित करने की योजना बनी.
इस नए मॉडल (जिसका नाम और बैज "मस्टैंग II" था) को अक्टूबर 1973 में "ऊर्जा संकट" से दो महीने पहले बाज़ार में लाया गया और इसके आकार में कटौती करने से इसे जापानी टोयोटा सेलिका (Toyota Celica) और यूरोपीय फोर्ड कैप्री (Ford Capri) (जिसे उस समय जर्मनी और ब्रिटेन में फोर्ड (Ford) द्वारा बनाया जाता था और एक कैप्टिव इम्पोर्ट कार के रूप में मर्करी (Mercury) द्वारा अमेरिका में बेचा जाता था) जैसी छोटी आयातित स्पोर्ट्स कूपे के खिलाफ अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रतिस्पर्धा करने में आसानी हुई. मूल मस्टैंग की बारह महीनों की 418,812 इकाइयों की बिक्री की रिकॉर्ड की तुलना में इस नए मस्टैंग II के बाज़ार में आने के पहले वर्ष में इसकी 385,993 इकाइयों की बिक्री हुई.
ली इयाकोका एक ऐसी नई कार चाहते थे जो मस्टैंग के 1964 के पूर्ववर्ती आकार, आकृति और सम्पूर्ण स्टाइल की एक झलक फिर से दिखाई पड़े और इसे एक उच्च मानक के अनुरूप तैयार किया जाए, उन्होंने कहा कि यह "एक छोटे रत्न" जैसी लगनी चाहिए. हालांकि यह न केवल आकार में मूल कार से छोटी थी बल्कि यह उससे वजन में भारी भी थी क्योंकि इसमें नवीन अमेरिकी उत्सर्जन एवं सुरक्षा विनियमों का पालन करने के लिए आवश्यक उपकरण (पुर्जे) जोड़े गए थे। इसका प्रदर्शन स्तर नीचे गिर गया और इस कार की नई संचालनात्मक एवं इंजीनियरिंग विशेषताओं के बावजूद इसका तेजतर्रार प्रतीक "कम मांसपेशियों वाला घोड़ा बन गया जो कदमताल करता हुआ अर्थात् सरपट भागता हुआ दिखाई दे रहा था।"
यह कार कूपे और हैचबैक संस्करण में उपलब्ध थी। सन् 1975 में किए गए परिवर्तनों में 302 सीआईडी (CID) वी8 (V8) विकल्प (जिसे "5.0 एल" (5.0 L) कहते थे, हालांकि इसकी क्षमता 4.94 एल (4.94 L) थी) की बहाली और "एमपीजी स्टालियन" (MPG Stallion) नामक एक सस्ते विकल्प की उपलब्धता शामिल थी। इसके रूप और प्रदर्शन में किए गए अन्य परिवर्तन 1976 में इसके "कोबरा II" (Cobra II) संस्करण और 1978 में "किंग कोबरा" (King Cobra) संस्करण में दिखाए दिए.
तीसरी पीढ़ी (1979-1993)


सन् 1979 की मस्टैंग बृहत्तर फॉक्स (Fox) मंच पर आधारित थी (जिसे शुरू में 1978 के फोर्ड फेयरमोंट (Ford Fairmont) और मर्करी ज़ेफियर (Mercury Zephyr) के लिए विकसित की गई थी). अपेक्षाकृत छोटी पिछली सीटों के बावजूद चार लोगों के आराम से बैठने की जगह बनाने के लिए इसके आतंरिक भाग को फिर से बनाया गया। अधिक सहज सेवा के उपयोग की क्षमता प्रदान करने के लिए इंजन स्थल की तरह ही इसके ट्रंक (गाड़ी के पीछे संदूक आदि रखने का स्थान) को भी बड़ा बनाया गया।
इसकी शारीरिक शैलियों में एक कूपे (बग्घी), (नॉचबैक) और हैचबैक शामिल थे; सन् 1983 में एक परिवर्तनीय रूप की पेशकश की गई। उपलब्ध ट्रिम स्तरों में एल (L), जीएल (GL), जीएलएक्स (GLX), एलएक्स (LX), जीटी (GT), टर्बो जीटी (Turbo GT), एसवीओ (SVO) (1984–86), कोबरा (Cobra) और कोबरा आर (Cobra R) (1993) शामिल थे।
1980 के दशक के आरंभिक दौर में बिक्री की दर में गिरावट और ईंधन की कीमतों में वृद्धि होने के फलस्वरूप एक नवीन मस्टैंग को विकसित किया गया। इसे माज़दा एमएक्स-6 (Mazda MX-6) के ही एक भिन्न रूप में बनाया गया था और मिशिगन के फ़्लैट रॉक स्थित ऑटोअलायंस इंटरनैशनल (AutoAlliance International) में इसके पुर्जों को जोड़ कर इसे एक पूर्ण आकार दिया गया था। इसके समर्थकों ने बिना किसी वी8 विकल्प के अगले पहिये से संचालित होने वाली जापानी डिज़ाइन वाली मस्टैंग में प्रस्तावित बदलाव के विरोध में फोर्ड (Ford) को एक पत्र लिखा. इसके परिणामस्वरूप सन् 1987 में मौजूदा मस्टैंग की रूपाकृति में एक प्रमुख परिवर्तन किया गया जबकि एमएक्स-6 (MX-6) रूप सन् 1989 का फोर्ड प्रोब (Ford Probe) बना.
  • इसका 1979 का संस्करण एक इंडियानापोलिस 500 पेस कार (Indianapolis 500 pace car) के रूप में कार्यरत था और फोर्ड (Ford) ने इसकी 10,478 यादगार प्रतिकृतियों का निर्माण किया।
  • 1982 के मॉडलों में 4.2 लीटर वाले वी8 इंजन के बजाय सही मायने में 5.0 लीटर 302 क्यूबिक (घन) इंच वाले वी8 इंजन का एक विकल्प था। सन् 1983 एक 5-गति संचरण के लिए प्रथम वर्ष था।
  • 1985 मॉडल वर्ष में एक नया रोलर कैम ब्लॉक, रोलर कैम और रोलर लिफ्टर का इस्तेमाल किया गया।
  • सन् 1986 ईंधन भरण का प्रथम वर्ष था।
  • सन् 1988 के वी8 मॉडल को केवल कैलिफोर्निया कारों के लिए बड़े पैमाने पर हवा से लैस किया गया था, उसके बाद सन् 1989 में सभी कारों को इससे सुसज्जित किया गया।
  • सन् 1993 के मॉडल में कूटरचित पिस्टन के बजाय अतिगलनक्रांतिक (हाइपरयूटेक्टिक) पिस्टन का इस्तेमाल किया गया था और पिछले साल के 225 अश्वशक्ति (168 कि॰वाट) के बजाय इसे 205 अश्वशक्ति (153 कि॰वाट) का दर्ज़ा भी दिया गया था।
चौथी पीढ़ी (1994-2004)


पन्द्रह वर्षों की अवधि में पहली बार फिर से सन् 1994 में मस्टैंग का एक प्रमुख डिज़ाइन तैयार किया गया। फोर्ड (Ford) ने इसका कोड नाम "एसएन-95" (SN-95) रखा, इसे पिछले पहिए से चलने वाली फॉक्स (Fox) मंच के "फॉक्स-4" (Fox-4) नामक एक नवीनीकृत संस्करण के आधार पर तैयार किया गया था। पैट्रिक शियावोन की नई स्टाइल वाली इस कार में आरंभिक मस्टैंग कारों के कई स्टाइलिंग संकेत शामिल थे।[34] सन् 1973 के बाद से पहली बार एक हैचबैक कूपे मॉडल अनुपलब्ध था।
सन् 1994 और सन् 1995 में 145 ब्रेक अश्वशक्ति (108 कि॰वाट), या 150 ब्रेक अश्वशक्ति (110 कि॰वाट) (1996–1998) का दर्ज़ा पाने वाले एक 3.8 ओएचवी (OHV) वी6 (V6) (232 सीआईडी (cid)) इंजन के साथ इसके आधारभूत मॉडल का आगमन हुआ और इसे एक मानक 5-गति हस्तचालित संचरण या वैकल्पिक 4-गति स्वचालित संचरण में शामिल किया गया। सन् 1994 और सन् 1995 के मस्टैंग जीटी (Mustang GT) में शुरू में इस्तेमाल किए जाने वाले 302 सीआईडी (302 cid) पुशरॉड स्मॉल-ब्लॉक वी8 को फोर्ड (Ford) ने लगभग 40 वर्षों के इस्तेमाल के बाद सेवा से मुक्त किया और इसकी जगह सन् 1996 के मस्टैंग जीटी में नवीन मॉड्यूलर 4.6 एल (281 सीआईडी) एसओएचसी वी8 (4.6 L (281 cid) SOHC V8) का इस्तेमाल किया। 4.6 एल वी8 को शुरू, 1996–1997, में 215 ब्रेक अश्वशक्ति (160 कि॰वाट) का दर्ज़ा दिया गया लेकिन बाद में सन् 1998 में इसे बढ़ाकर 225 ब्रेक अश्वशक्ति (168 कि॰वाट) कर दिया.[35]
1999 के मॉडल के मस्टैंग में तेज़ रूपरेखा, पहियों के बड़े-बड़े मेहराब और इसकी शारीरिक संरचना में सिलवटों के साथ इसमें फोर्ड की न्यू एज स्टाइलिंग थीम का भी इस्तेमाल किया गया, लेकिन इसकी आधारभूत हिस्सा, आतंरिक भाग का डिज़ाइन और चेसिस सब पहले के मॉडल की तरह यथावत बने रहे. मस्टैंग के पॉवरट्रेन का इस्तेमाल सन् 1999 के मॉडल तक होता रहा लेकिन इसमें किए गए नए सुधारों से ही लाभ हासिल हुआ। मानक 3.8 एल वी6 में एक नया विभाजन-छिद्र प्रवर्तन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था, इसे 1999–2004 में 190 ब्रेक अश्वशक्ति (140 कि॰वाट) का दर्ज़ा दिया गया था, जबकि मस्टैंग जीटी के 4.6 एल वी8 ने एक नवीन प्रमुख डिज़ाइन और अन्य संवर्द्धन के कारण 260 ब्रेक अश्वशक्ति (190 कि॰वाट) (1999–2004) के उत्पादन में वृद्धि देखी. इस पीढ़ी में और भी तीन वैकल्पिक मॉडल: सन् 2001 का बुलिट (Bullitt), सन् 2003 और 2004 का माक 1 (Mach 1), के साथ-साथ 305 ब्रेक अश्वशक्ति (227 कि॰वाट) (1999) 320 ब्रेक अश्वशक्ति (240 कि॰वाट) (2001–2002), और 390 ब्रेक अश्वशक्ति (290 कि॰वाट) का 2003–2004 कोबरा (Cobra) की पेशकश की गई थी।
पांचवीं पीढ़ी (2005—2009)


2004 के नॉर्थ अमेरिकन इंटरनैशनल ऑटो शो में फोर्ड ने सम्पूर्ण रूप से फिर से डिज़ाइन किए गए एक मस्टैंग का प्रदर्शन किया जिसका कोडनाम "एस-197" (S-197) था जो सन् 2005 के मॉडल वर्ष के लिए सभी-नए डी2सी (D2C) मंच के आधार पर तैयार किया गया था। मुख्य अभियंता हाउ थाई-टैंग और एक्सटीरियर स्टाइलिंग डिज़ाइनर सिड रैम्नारेस[40] के निर्देशन के तहत विकसित पांचवी-पीढ़ी की मस्टैंग की स्टाइलिंग सन् 1960 के दशक के अंतिम दौर के फास्टबैक मस्टैंग की प्रतिध्वनि है। फोर्ड के वरिष्ठ डिज़ाइन उपाध्यक्ष जे. मायस ने इसे "रेट्रो-फ्यूचरिज्म" (पूर्वव्यापी-भविष्यवाद) कहा.
पांचवी पीढ़ी की मस्टैंग का उत्पादन मिशिगन के फ़्लैट रॉक स्थित ऑटोअलायंस इंटरनैशनल (AutoAlliance International) संयंत्र में किया जाता है। इस आधारभूत मॉडल को 210 अश्वशक्ति (157 कि॰वाट) कच्चे-लोहे के ब्लॉक वाले 4.0 एल एसओएचसी वी6 (4.0 L SOHC V6) से शक्ति प्राप्त होती है, जिसकी जगह पहले 3.8 एल पुशरॉड वी6 का इस्तेमाल किया जाता था। मस्टैंग जीटी में 300 अश्वशक्ति (224 कि॰वाट) का निर्माण करने वाले वैरिएबल कैमशाफ्ट टाइमिंग (वीसीटी/VCT) के साथ एक एल्यूमीनियम ब्लॉक 4.6 एल एसओएचसी 3-वाल्व मॉड्यूलर वी8 शामिल है। 2005 के मस्टैंग जीटी का वजन इसके शक्ति अनुपात के अनुसार लगभग 11.5 पौंड (5.2 कि॰ग्राम)/बीएचपी है। आधारभूत मस्टैंग में एक मानक ट्रेमेक टी-5 (Tremec T-5) 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन (गति हस्तचालित संचरण) की सुविधा उपलब्ध होती है जबकि फोर्ड (Ford) का अपना 5आर55एस (5R55S) 5-स्पीड ऑटोमैटिक (गति स्वचालित), मस्टैंग (Mustang) में इसे ही सबसे पहले इस्तेमाल किया जाता था, विकल्प रूप में उपलब्ध होता है। हालांकि मस्टैंग जीटी (Mustang GT) में भी वी6 मॉडल की तरह का ही ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन होता है, इसलिए जीटी की अतिरिक्त शक्ति को बेहतर तरीके से संभालने के लिए ट्रेमेक टी-5 (Tremec T-5) मैनुअल की जगह और अधिक कारगर ट्रेमेक टीआर-3650 (Tremec TR-3650) 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन का इस्तेमाल किया जाता है।
फोर्ड (Ford) ने जुलाई 2007 में घोषणा की कि सभी 2008 मस्टैंग कारों में सोयाबीन से प्राप्त सामग्रियों से निर्मित सीटें होंगी यह हेनरी फोर्ड के आदर्शों में से कुछ का अनुपालन था।
2009 के मस्टैंग के लिए एक नया विकल्प इसकी कांच की छत थी। इस 1,995 डॉलर वाले विकल्प के प्रभावस्वरूप इस कार में सम्पूर्ण छत वाला एक सनरूफ लगाया गया है जो कीमत के अंतर और कूपे एवं परिवर्तनीय मॉडल के प्रयोजन को अलग करता है।
सन् 2010 के मॉडल के लिए लॉस एंजिलिस इंटरनैशनल ऑटो शो से पहले फोर्ड ने फिर से डिज़ाइन किए गए एक मस्टैंग का प्रदर्शन किया। सन् 2010 का मस्टैंग, डी2सी (D2C) मंच पर कायम है और ज्यादातर इसमें पिछले साल के ड्राइवट्रेन विकल्प शामिल हैं। मस्टैंग के बाहरी भाग में अच्छी तरह से बदलाव किया गया था, केवल छत यथावत थी, जिसे एक छरहरी, अधिक मांसपेशीय प्रस्तुति और बेहतर वायुगतिकीय प्रदर्शन के लिए गढ़ा गया था (कर्षण गुणांक को वी6 मॉडलों में 4% और जीटी मॉडलों में 7% कम कर दिया गया है
आधारभूत मस्टैंग कारों के वी6 में कोई बदलाव नहीं आया है, जबकि मस्टैंग जीटी (Mustang GT) के 4.6 एल वी8 (4.6 L V8) को 2008–2009 के मस्टैंग बुलिट (Mustang Bullitt) के 4.6 एल वी8 (4.6 L V8) की तरह की विशिष्टताओं के अनुसार संशोधित किया गया है जिसके परिणामस्वरूप 6000 आरपीएम (rpm) पर 315 अश्वशक्ति (235 कि॰वाट) और 4250 आरपीएम पर 325 पौंड-फीट (441 न्यू.मी) टॉर्क़ प्राप्त होता है। सन् 2010 के मस्टैंग के अन्य यांत्रिक विशेषताओं में शामिल हैं - सवारी गुणवत्ता एवं नियंत्रण में सुधार लाने के लिए नवीन स्प्रिंग दर एवं डैम्पर, सभी मॉडलों में मानक कर्षण नियंत्रण प्रणाली और स्थिरता नियंत्रण प्रणाली और नवीन पहिया आकार. मस्टैंग जीटी के लिए दो प्रदर्शन पैकेजों को उपलब्ध कराया गया। 2010 मस्टैंग के अन्य नई विशेषताओं एवं विकल्पों में शामिल हैं - फोर्ड सिंक (Ford SYNC), दोहरे क्षेत्र वाला स्वचालित जलवायु नियंत्रण, सिरियस ट्रैवल लिंक के साथ एक नवीनीकृत नेविगेशन प्रणाली, एक ढक्कनरहित ईंधन पूरक और पीछे आने के दौरान सहायता प्रदान करने वाली एक उल्टी कैमरा प्रणाली. सिंक (SYNC), नेविगेशन और रिवर्स कैमरा बुनियादी V6 कूपे में उपलब्ध नहीं हैं।
2010 मॉडल वर्ष मस्टैंग को 2009 के बसंत में बाज़ार में लाया गया था। 2010 मस्टैंग के दस मॉडल उपलब्ध थे:
  • वी6 कूपे (V6 Coupe) (एमएसआरपी (MSRP): 21,395 डॉलर)
  • वी6 प्रीमियम (V6 Premium) (एमएसआरपी (MSRP): 24,395 डॉलर)
  • वी6 कन्वर्टिबल (V6 Convertible) (एमएसआरपी (MSRP): 26,395 डॉलर)
  • जीटी (GT): (एमएसआरपी (MSRP): 28,395 डॉलर)
  • वी6 प्रीमियम कन्वर्टिबल (V6 Premium Convertible) (एमएसआरपी (MSRP): 29,395 डॉलर)
  • जीटी प्रीमियम (GT Premium): (एमएसआरपी (MSRP): 31,395 डॉलर)
  • जीटी कन्वर्टिबल (GT Convertible): (एमएसआरपी (MSRP): 33,395 डॉलर)
  • जीटी प्रीमियम कन्वर्टिबल (GT Premium Convertible): (एमएसआरपी (MSRP): 36,395 डॉलर)
  • जीटी500 (GT500) (एमएसआरपी (MSRP): 46,725 डॉलर)
  • जीटी500 कन्वर्टिबल (GT500 Convertible) (एमएसआरपी (MSRP): 51,725 डॉलर)
2011 के मॉडल के लिए, फोर्ड (Ford) ने सभी मौजूदा मॉडल मस्टैंग के इंजनों को संशोधित किया। नया वी6 (V6) सेवा से मुक्त हो रहे संस्करण की तुलना में कम वजन 40 पौंड (18 कि॰ग्राम) वाला एक अपेक्षाकृत छोटा 3.7एल (227 क्यूबिक (घन) इंच) एल्यूमीनियम ब्लॉक इंजन है। यह इंजन बहुत ज्यादा शक्तिसंपन्न 305 अश्वशक्ति (227 कि॰वाट) और 280 पौंड-फीट (380 न्यू.मी) टॉर्क़ उत्पन्न करता है। वर्तमान 4.6एल 24वी वी8 की जगह अब एक नए 5.0एल (302.15 क्यूबिक (घन) इंच) 32वी वी8 का इस्तेमाल किया जाता है। यह नया इंजन "प्रीमियम ईंधन" (93 का दर्ज़ा पाने वाले एक पम्प ऑक्टेन युक्त गैसोलीन) पर 412 अश्वशक्ति (307 कि॰वाट) और 390 पौंड-फीट (530 न्यू.मी) टॉर्क़ उत्पन्न करता है; "नियमित ईंधन" (87 का दर्ज़ा पाने वाले एक पम्प ऑक्टेन युक्त गैसोलीन) पर यह संख्या घटकर 402 अश्वशक्ति (300 कि॰वाट) और 377 पौंड-फीट (511 न्यू.मी) हो जाती है। इन इंजनों में टीआई-वीसीटी (Ti-VCT) (ट्विन इंडिपेंडेंट वैरिएबल कैम टाइमिंग/जुड़वां स्वतंत्र परिवर्तनीय कैमरा समय) जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। शेल्बी जीटी500 (Shelby GT500) के 5.4एल (5.4L) ब्लॉक को पिछले वर्षों की तरह लोहे से बनाने के बजाय अब एल्यूमीनियम से बनाया जाता है और इसे अब 550 अश्वशक्ति (410 कि॰वाट) और 510 पौंड-फीट (690 न्यू.मी) टॉर्क़ का दर्ज़ा दिया गया है। लोहे के बजाय एल्यूमीनियम से बना होने के कारण नया ब्लॉक पुराने वाले से 102 पौंड (46 कि॰ग्राम) हल्का है, जो ईंधन अल्पव्यय, त्वरण, संचालन और स्टियरिंग परिशुद्धता में सुधार लाने में मदद करता है
वी6 की ईपीए-अनुमानित ईंधन अल्पव्यय (EPA-estimated fuel economy) मानक छः-गति हस्तचालित संचरण के साथ 19 mpg‑US (0.12 ली/कि॰मी॰) शहर/29 mpg‑US (0.081 ली/कि॰मी॰) राजमार्ग, या वैकल्पिक छः-गति स्वचालित संचरण के साथ 19 mpg‑US (0.12 ली/कि॰मी॰) शहर/31 mpg‑US (0.076 ली/कि॰मी॰) राजमार्ग है। 5.0एल वी8 (5.0L V8) को मानक छः-गति हस्तचालित संचरण के साथ 17 mpg‑US (0.14 ली/कि॰मी॰) शहर/26 mpg‑US (0.090 ली/कि॰मी॰) राजमार्ग, या वैकल्पिक छः-गति स्वचालित संचरण के साथ 18 mpg‑US (0.13 ली/कि॰मी॰) शहर/25 mpg‑US (0.094 ली/कि॰मी॰) राजमार्ग का दर्ज़ा दिया गया है।[46] शेल्बी जीटी500 (Shelby GT500) को मानक छः-गति हस्तचालित संचरण के साथ 15 mpg‑US (0.16 ली/कि॰मी॰) शहर/23 mpg‑US (0.10 ली/कि॰मी॰) राजमार्ग का दर्ज़ा दिया गया है।[48]
रेसिंग (दौड़)
17 अप्रैल को अपने शुभारम्भ के एक महीने से कुछ अवधि के बाद 1964 इंडियानापोलिस 500 (1964 Indianapolis 500) के लिए एक पेस कार के रूप में मस्टैंग पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखाई दी.
उसी वर्ष, मस्टैंग कारों ने कई उल्लेखनीय प्रतियोगिता सफलताओं में से पहली सफलता प्राप्त की और टूर डी फ़्रांस (Tour de France) अंतर्राष्ट्रीय रैली (दौड़) में पहला और दूसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा, 1964 में इस कार ने अमेरिकी प्रतियोगिता की ड्रैग रेसिंग में भाग लिया जहां निजी व्यक्तियों और डीलर-प्रायोजित टीमों ने 427 क्यूबिक (घन) इंच वी8 संपन्न मस्टैंग कारों का इस्तेमाल किया।
1964 के अंतिम दौर में फोर्ड (Ford) ने होलमैन एण्ड मूडी (Holman & Moody) को 1965 के ड्रैग रेसिंग सत्र में नैशनल हॉट रॉड एसोसिएशन (एनएचआरए/NHRA) के ए/फैक्टरी एक्सपेरिमेंटल क्लास में प्रतियोगिता करने के लिए दस 427-संपन्न मस्टैंग कारों को तैयार करने के लिए अनुबंधित किया। इनमें से पांच विशेष मस्टैंग कारों ने 1965 एनएचआरए (NHRA) विंटरनैशनल्स में पहली बार प्रतियोगिता की जहां उन्होंने फैक्टरी स्टॉक एलिमिनेटर क्लास में योग्यता हासिल की. बिल लॉटन द्वारा चलाए जाने वाले कार ने इस क्लास में जीत हासिल की थी।
एक दशक बाद बॉब ग्लिडेन ने मस्टैंग का पहला एनएचआरए प्रो स्टॉक (NHRA Pro Stock) खिताब जीता.
आरंभिक मस्टैंग कारें भी रोड रेसिंग (सड़क दौड़) में सफल साबित हुई. शेल्बी जीटी 350 (Shelby GT 350) के रेस संस्करण, जीटी 350 आर (GT 350 R) ने 1965 में स्पोर्ट्स कार क्लब ऑफ़ अमेरिका (एससीसीए/SSCA) के छः डिवीज़न में से पांच में जीत हासिल की. जेरी टाइटस, बॉब जॉन्सन और मार्क डोनोह्यू इसके चालक (ड्राइवर) थे और टाइटस ने (एससीसीए/SCCA) बी-प्रोडक्शन राष्ट्रिय चैम्पियनशिप में अपनी जीत दर्ज की. जीटी 350 कारों ने फिर 1966 और 1967 में बी-प्रोडक्शन का ख़िताब हासिल किया। उन्होंने उदघाटनात्मक एससीसीए (SCCA) ट्रांस-ऐम श्रृंखला में 1966 के निर्माताओं के चैम्पियनशिप में भी जीत हासिल की और अगले वर्ष अपनी जीत की पुनरावृत्ति की.
1969 में 428 माक 1 (428 Mach 1), बॉस 429 (Boss 429) और बॉस 302 (Boss 302) के संशोधित संस्करणों ने बोनविल सॉल्ट फ्लैट्स में 295 यूनाइटेड स्टेट्स ऑटो क्लब-प्रमाणित रिकॉर्ड बनाए. इस आउटिंग (सैर) में 157 मील प्रति घंटा (253 किमी/घंटा) की औसत गति से 10-मील (16 कि॰मी॰) के एक मार्ग पर 24 घंटे की एक दौड़ शामिल थी। इसमें मिकी थॉम्पसन, डैनी ऑन्गाइस, रे ब्रॉक और बॉब ऑटम जैसे चालकों ने भाग लिया था।
1969 और 1970 की नस्कर (NASCAR) रेसिंग में भाग लेने वाले फोर्ड टोरिनो (Ford Torino) कारों में बॉस 429 (Boss 429) इंजनों का इस्तेमाल किया गया था।
1970 में मस्टैंग ने एक बार फिर ट्रांस-ऐम श्रृंखला में निर्माताओं का चैम्पियनशिप जीत लिया जहां पार्नेली जोन्स और जॉर्ज फोल्मर इसे चला रहे थे। जोन्स चालकों का खिताब जीता. दो साल बाद डिक ट्रिकल ने लघु-पथ विशेषता वाले 67 रेसों को जीतकर एक ही सत्र में सबसे अधिक जीत दर्ज करने का एक राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया।
1975 में रॉन स्मैलडन की मस्टैंग एससीसीए (SCCA) रोड रेसिंग में शोरूम स्टॉक राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीतने वाली अब तक पहली अमेरिकी कार बनी.
मस्टैंग ने आईएमएसए (IMSA) के जीटीओ (GTO) क्लास में भी प्रतियोगिता की और 1984 एवं 1985 में इसमें जीत भी हासिल की. 1985 में जॉन जोन्स ने भी 1985 जीटीओ ड्राइवर्स चैम्पियनशिप में जीत हासिल की; वैली डलेनबाक जूनियर, जॉन जोन्स और डॉक बंडी ने डेटोना 24 ऑवर्स में जीटीओ क्लास जीत लिया; और फोर्ड (Ford) ने 1970 के बाद से पहली बार मैनुफैक्चरर्स चैम्पियनशिप में अपनी जीत दर्ज की. तीन बार अपनी जीत दर्ज करने वाली लीन सेंट जेम्स इन श्रृंखलाओं को जीतने वाली पहली महिला थी।
1986 में आठ और जीटीओ जीत और एक अन्य मैनुफैक्चरर्स ख़िताब हासिल हुआ। स्कॉट प्रुएट ने ड्राइवर्स चैम्पियनशिप में अपनी जीत दर्ज की. जीटी एन्डुरन्स चैम्पियनशिप की जीत भी फोर्ड के हिस्से में आई.
ड्रैग रेसिंग में रिकी स्मिथ की मोटरक्राफ्ट मस्टैंग (Motorcraft Mustang) ने इंटरनैशनल हॉट रॉड एसोसिएशन की प्रो स्टॉक वर्ल्ड चैम्पियनशिप में जीत हासिल की.
1987 में स्टीव सलीन एवं रिक टाइटस द्वारा चालित सलीन ऑटोस्पोर्ट मस्टैंग कारों ने एससीसीए एस्कॉर्ट एन्डुरन्स एसएसजीटी चैम्पियनशिप (SCCA Escort Endurance SSGT championship) जीत ली और इंटरनैशनल मोटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन (आईएमएसए/IMSA) रेसिंग में एक मस्टैंग ने एक बार फिर डेटोना 24 ऑवर्स में जीटीओ क्लास में जीत हासिल की. 1989 में, अपनी रजत जयंती के वर्ष में मस्टैंग ने फोर्ड (Ford) को 1970 के बाद से पहली बार ट्रांस-ऐम मैनुफैक्चरर्स ख़िताब हासिल करवाया जहां लीन सेंट जेम्स ने ड्राइवर्स चैम्पियनशिप में जीत हासिल की. 1997 में, टॉमी केंडल-निर्मित मस्टैंग ने उनकी तीसरी प्रत्यक्ष ड्राइवर्स चैम्पियनशिप को सुरक्षित करने के लिए ट्रांस-ऐम में लगातार 11 रेसों को जीतने का एक रिकॉर्ड बनाया.
2002 में जॉन फ़ोर्स ने अपनी फोर्ड मस्टैंग फनी कार (Ford Mustang Funny Car) में अपना 12वां राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीतकर अपना ही एनएचआरए (NHRA) ड्रैग रेसिंग रिकॉर्ड तोड़ दिया, फ़ोर्स ने एक बार फिर एक मस्टैंग के साथ इस रिकॉर्ड को 2006 में तोड़ा और 14 बार इस चैम्पियनशिप को जीतने वाले अब तक के पहले चैम्पियन बन गए।
वर्तमान में मस्टैंग कारें कई रेसिंग श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा करती हैं, जिनमें मिलर कप के लिए मस्टैंग चैलेन्ज एवं कोनी चैलेन्ज (KONI Challenge) शामिल हैं, जहां इसने 2005 एवं 2008 में मैनुफैक्चरर्स ख़िताब जीता और कनाडा ड्रिफ्ट, फ़ॉर्मूला ड्रिफ्ट एवं डी1 ग्रांड प्रिक्स श्रृंखला में अपनी जीत दर्ज की. वे एससीसीए (SCCA) स्पीड वर्ल्ड चैलेन्ज जीटी सीरीज़ में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा करते हैं।
Jayski.com की रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड मस्टैंग (Ford Mustang) 2010 में नस्कर (NASCAR) नेशनवाइड सीरीज़ के लिए फोर्ड (Ford) की कार ऑफ़ टुमॉरो बनेगी और मस्टैंग एवं फोर्ड दोनों के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी.
पुरस्कार


1965 मस्टैंग को अमेरिकी डिज़ाइन में उत्कृष्टता के लिए टिफ़नी गोल्ड मेडल दिया गया और इस तरह यह अब तक का इस तरह से सम्मानित होने वाला पहला ऑटोमोबाइल बन गया।
1983, 1987, 1988, 2005 और 2006 में कार एण्ड ड्राइवर टेन बेस्ट की सूची में मस्टैंग का नाम भी शामिल था। 1974 एवं 1994 में इसे मोटर ट्रेंड कार ऑफ़ द ईयर अवार्ड दिया गया।
2005 में यह नॉर्थ अमेरिकन कार ऑफ़ द ईयर अवार्ड पाने वाले क्रिसलर 300 (Chrysler 300) के बाद द्वितीय स्थान पर रही और इसे कैनेडियन कार ऑफ़ द ईयर नाम दिया गया।

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